Holi 2023: भद्रारहित प्रदोषकाल व्यापिनी फाल्गुनी पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है. यदि पूर्णिमा तिथि दो दिन हो और दूसरे दिन भी प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि हो तो उस दिन होलिका दहन होना चाहिए.

Holika Dahan 2023:आजकल देश में होली की धूम है. रंगों के इस त्योहार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. पूरे देश में मध्य प्रदेश के होली की बात ही निराली है. प्रदेश में यह कई जगह पांच दिनों तक खेली जाती है.होली की शुरूआत होलिका दहन से होती है. लेकिन इस बार इस बात होलिका दहन को लेकर कंफ्यूजन पैदा हो गया है. आइए हम आपको बताते हैं कि होलिका दहन कब है और इसका शुभ मूहुर्त क्या है. 

होलिका दहन पर क्या कहना है ज्योतिषाचार्यों का

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि प्रदेश में भद्राव्यापिनी प्रदोषकाल में होलिका दहन छह मार्च को करना ही शास्त्र सम्मत होगा. वहीं,देश के पूर्वी भाग बिहार, बंगाल, ओडिशा, जहां सूर्योदय पहले होता है,वहां सात मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के अगले दिन धुलेंडी मनाई जाएगी. दो दिनी फाल्गुन पूर्णिमा में पहले दिन प्रदोषकाल है,जबकि दूसरे दिन उदया तिथि में स्नान-दान किया जाएगा.

होलिका दहन का मुहूर्त क्या है

फाल्गुन पूर्णिमा छह मार्च सोमवार को शाम 4.18 बजे से अगले दिन 7 मार्च मंगलवार को शाम 6.10 बजे रहेगी. भद्रा छह मार्च को शाम 4.18 से 7 मार्च को सुबह 5.15 बजे तक रहेगी. 6 मार्च को प्रदोषकाल शाम 6.38 से रात 9.08 बजे तक और भद्रा का पुच्छकाल रात 12.43 से रात 2.01 बजे तक रहेगा. 

विद्वानों का कहना है कि भद्रारहित प्रदोषकाल व्यापिनी फाल्गुनी पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है. यदि पूर्णिमा तिथि दो दिन हो और दूसरे दिन भी प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि हो तो उस दिन होलिका दहन होना चाहिए. यदि दूसरे दिन पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श न करे तो पहले दिन भद्रा के पुच्छ या भद्रा के मुख को छोड़कर भद्रा में ही होलिका दहन किया जाना चाहिए. इस वजह से इस बार छह मार्च को होलिका जलाना उचित रहेगा. 

क्यों महत्वपूर्ण है भद्रा

विद्वानों के मुताबिक यदि भद्रा निशीथ के बाद समाप्त हो रही है तो भद्रा के मुख को छोड़कर होलिका दहन किया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त प्रदोष में भद्रामुख हो तो भद्रा के बाद अथवा प्रदोष के बाद होलिका दहन किया जाना चाहिए. दोनों दिन प्रदोष में पूर्णिमा स्पर्श न करे तो पहले दिन ही भद्रा पुच्छ में होली जलाएं. इस साल छह मार्च को होलिका दहन होगा,जबकि 7 मार्च को स्नान-दान की पूर्णिमा रहेगी. होलिका दहन और रक्षाबंधन में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है. 

वहीं इस साल के मध्य प्रदेश सरकार के कैलेंडर में होलिका दहन की छुट्टी सात मार्च और होली की छुट्टी आठ मार्च दी हुई है. इसी वजह से इस साल लोगों में होलिका दहन को लेकर कंफ्यूजन पैदा हो गया है

About The Author

By jansetu

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *