शोध में पाया गया है कि 7 से 9 घंटे की अनुशंसित नींद की कमी की वजह से लोगों में पेरीफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा पैदा हो सकता है.

Sleep Deprivation: कई अध्ययन यह दावा करते हैं कि अच्छी नींद नहीं लेने से शरीर पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं. आपने कई बार इस बारे में सुना होगा. हालांकि आजकल के बिज़ी शेड्यूल और लाइफस्टाइल के चलते कई लोग 8-9 घंटे की नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि रात में 5 घंटे से कम नींद लेने से शरीर में ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के बनने का खतरा तीन चौथाई तक बढ़ जाता है. स्वीडन के शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि अच्छी मात्रा में नींद नहीं लेने से पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है, जिसमें पैरों और हाथों में ब्लड की सप्लाई कम या बंद हो जाती है.

इस अध्ययन में 6,50,000 वयस्कों को शामिल किया गया था. सभी वयस्कों में सोने की अवधि और इस बीमारी के बीच संबंध खोजने का प्रयास किया गया. शोध में पाया गया कि 7 से 9 घंटे की अनुशंसित नींद की कमी की वजह से लोगों में पेरीफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा पैदा हो सकता है. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टॉकहोम में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के डॉ. शुआई युआन ने कहा कि रात में 7 से 8 घंटे की नींद लेने से पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है.

बढ़ सकता है ‘हार्ट अटैक’ का खतरा!

ब्रिटेन में 60 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 5 में से एक व्यक्ति इस स्थिति से पीड़ित है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. स्मोकिंग करने वालों और डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों में यह समस्या ज्यादा आम है. इस बीमारी में पैरों के बालों का झड़ना, चलने पर दर्द होना, सुन्नता, कमजोर नाखुन और अल्सर जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. पिछला शोध बताता है कि अच्छी नींद नहीं लेने से दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है, जो धमनियों के बंद होने का कारण बनता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

By jansetu