MP News: कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बीते साल जिलेवासियों से अपील की थी कि इस बार नवाबी होली की जगह महादेव की होली मनाई जाए. उनकी अपील पर सीहोर जिले में महादेव की होली पूरे उत्साह के साथ मनाई गई.
Bhopal News: रंगों का उत्सव होली बस नजदीक आ गया है.रंगों के पर्व से जुड़ी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर की एक अनूठी परंपरा है. नवाबी शासनकाल में नजदीकी जिले सीहोर में नवाबी होली मनाई जाती थी,लेकिन बीते साल से सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस परंपरा को बदलकर रख दिया है.सीहोर जिले में अब नवाबी होली नहीं,बल्कि महादेव की होली मनाई जाती है.
होली की रंग-बिरंगी खुशियां
होली रंग और उमंग का त्योहार है. यह भाईचारे का पर्व है,जो जिंदगी में खुशियों के रंग घोल देता है.होली पर्व का पूरे देशवासियों को बेसब्री से इंतजार रहता है.राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले में सीहोर में नवाबी शासन काल से चली आ रही होली की एक अनूठी परम्परा रही है.इसके तहत पहले दिन गेर के साथ होली का भी आनंद होलिका दहन के बाद धुलेंडी पर रंग तो होता ही है,लेकिन शहर में इस दिन पंरपरागत रूप से गेर भी निकलते हैं और गमी की होली मानकर लोग उन घरों पर जाते हैं,जिनके यहां गमी हुई हो.अलसुबह अनेक लोग होलिका दहन स्थल पर जाकर पूजा-अर्चना भी करते हैं. छोटे बच्चों को भी होलिका दहन स्थल पर ले जाया जाता है.
बता दें कि होली के दूसरे दिन सीहोर जिला मुख्यालय पर रंग बरसता है.बताते हैं होली के दूसरे दिन भोपाल के नवाब हमीदउल्लाह खान होली खेलने सीहोर आते थे.वर्तमान कलेक्ट्रेट में पोलीटिकल ऑफिस था, वहां और पुरानी निजामत, ब्राह्मणपुरा और बारादरी में वह उपस्थित रहते थे.होली के दूसरे दिन भाई दूज भी कहते हैं.
पहले की नवाबी परंपरा क्या थी
बताते हैं कि होली के तीसरे दिन नवाब आष्टा पहुंचते थे और वहां बुधवारे में बैठते थे.आष्टा के पुराना नपाध्यक्ष भवन जहां अब चौराहा तथा किले पर जमकर होली खेली जाती है.जबकि होली के चौथे दिन भोपाल के नवाब हमीदउल्ला आष्टा तहसील के जावर पहुंचते थे.जावर में पूरे उल्लास के साथ पर्व मनाया जाता था.
होली पर्व का पांचवां दिन रंग पंचमी पूरे जिले में उल्लास से मनाया जाता है. वैसे तो शहर में पांच दिन खेली जाती है,लेकिन रंग पंचमी पर नजारा ही कुछ अलग नजर आता है.शहर में रंग पंचमी का जुलूस निकाला जाता है. इससे पूरा नगर रंगमय हो जाता है.इस प्रकार शहर सहित जिलेभर में पूरे पांच दिन रंग बरसता है.
कथावाचक प्रदीप मिश्र ने क्या अपील की थी
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बीते साल जिलेवासियों से अपील की थी कि इस बार नवाबी होली की जगह महादेव की होली मनाई जाए. उनकी अपील का असर यह हुआ कि सीहोर जिले में महादेव की होली पूरे उत्साह के साथ मनाई गई.पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीहोर,आष्टा और इछावर पहुंचकर हुलियारों पर जमकर रंग-गुलाल उड़ाया. इस बार भी महादेव की होली और पंडित प्रदीप मिश्रा की अगवानी को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है.