MP News: जिला उपभोक्ता अदालत ने जबलपुर निवासी परिवादी के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है. निजी अस्पताल को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए 22 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है.
Jabalpur Consumer Court Decision: जिला उपभोक्ता अदालत ने निजी अस्पताल की लापरवाही को गंभीर मानते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. मृतक के परिजनों को अस्पताल 22 लाख रुपए का भुगतान करेगा. जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष के के त्रिपाठी और सदस्य मनोज कुमार मिश्र की पीठ ने आशीष हॉस्पिटल नियर मदन महल को सेवा में कमी का दोषी माना है. उपभोक्ता फोरम ने परिवादी के हक में 22 लाख 59 हजार 792 रुपए क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया.
आशीष हॉस्पीटल सेवा में कमी का पाया गया दोषी
नुकसान की भरपाई के रूप में 40 हजार, अंतिम संस्कार के खर्च का 15 हजार, मानसिक पीड़ा के लिए 50 हजार और मुकदमे पर खर्च का 10 हजार रुपए अस्पताल को अदा करने के निर्देश मिला है. बता दें कि जबलपुर निवासी कंचन खट्टर, मयंक खट्टर और विभु खट्टर की ओर से जिला उपभोक्ता फोरम में मरीज की मौत पर याचिका दायर की गई थी.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह ने उपभोक्ता फोरम में पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि कंचन खट्टर के पति सूरज खट्टर को किडनी स्टोन संबंधी शिकायत थी. उन्हें इलाज के लिए आशीष हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था.
उपभोक्ता फोरम ने 22 लाख देने का दिया आदेश
27 जनवरी 2022 को सूरज खट्टर का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद से मरीज की हालत बिगड़ने लगी और इलाज दौरान मौत हो गई. परिवादी ने अस्पताल पर पति के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. सुनवाई के दौरान आशीष अस्पताल प्रबंधन की ओर से तर्क दिया गया कि इलाज में लापरवाही नहीं की गई. उपभोक्ता फोरम ने इलाज से संबंधित दस्तावेजों और तथ्यों का परीक्षण करने के बाद पीड़ित पक्ष के हक में फैसला सुनाया.