वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार और राज्यसभा सांसद सोलंकी ने धर्मसभा को संबोधित किया
हर मनुष्य के संस्कार तय करेंगे वह अच्छा या बुरा बनेगा :प्रचारक इंद्रेश कुमार
सरस्वती माँ हमारी आस्था है जिस मंदिर से मूर्ति गई है वहां वापस आएंगी: राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह
धार । बसंत पंचमी के अवसर पर भोजशाला में पूरे दिन आराधना के स्वर गूंजे। हजारों लोग इसके साक्षी बने। राजा भोज के जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान रहा। भोजशाला में सूर्य की पहली किरण के साथ ही पूजन शुरू हुआ। सुबह 7 बजे हवन की शुरुआत हुई जो शाम 5ः45 बजे पूर्णाहुति व महाआरती के साथ पूर्ण हुई। भोजशाला परिसर में सैकड़ो बच्चो का वेदारम्भ संस्कार भी किया गया।वसंत पंचमी पर भोजशाला में दर्शन करने के लिए हिंदू समाज का पूरे दिन हजारों भक्तों का तांता लगा रहा। हिंदू समाज में इस उत्सव को लेकर अलग ही उत्साह देखा जा रहा था। बच्चों से महिला, पुरुष व बुजुर्ग शामिल हुए। मातृ शक्ति ने जुलूस में केसरिया साफा पहना जो आकर्षण का केंद्र रहा। सुबह 11ः30 बजे घोड़ा चौपाटी से हिंदू समाज द्वारा शोभायात्रा निकाली गई।
मोतीबाग चौक ज्योति मंदिर परिसर में वरिष्ठ प्रचारक श्री इंद्रेश कुमार तथा राज्यसभा सांसद श्री सुमेर सिंह सोलंकी ने आयोजित एक विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। इस दौरान भोज उत्सव समिति अध्यक्ष श्री राजेश शुक्ला व महामंत्री श्री हेमंत दौराया मंचासीन रहे।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज बड़ा शुभ संयोग है कि गणतंत्र दिवस और माँ सरस्वती के पावन अवतरण का दिन है । हर एक मनुष्य का संस्कार तय करेगा कि व्यक्ति अच्छा बनेंगा या बुरा बनेगा । अच्छे संस्कार रहेगें तो प्रधानमंत्री मोदी देश की महामहिम राष्ट्रपति जी बनेंगे। सबसे बड़ा सेकुलर होना किसी भी में दख़ल नहीं देना होता है। उन्होंने कहा कि जब तक मूर्ति नहीं आती और स्थापित नहीं होती तब तक सरकार भी कदम उठाएगी और समाज भी कदम उठाएगा धार का मां वाग्देवी सरस्वती मंदिर भोजशाला एक पूजनीय स्थल है जो पवित्रता की निर्मलता की मधुरता की देवी है इसलिए कोई दंगा नहीं कोई हिंसा नहीं मिलकर संवाद से समस्या का समाधान से यह वातावरण सब मिलकर बनाएं ।
राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह ने कहा कि महाराजा भोज शासन में इन नगरों को सुंदर और मजबूत और नए रूप में बात लगभग एक हजार साल होने की स्थिति में है एक हजार साल की स्थिति में यह संघर्ष क्षेत्र के नहीं बल्कि पूरे भारत देश की 135 करोड़ भाइयों और बहनों का यह संघर्ष है कि जो प्रतिमा सरस्वती माता के पूजा के बिना हम विद्या प्रारंभ नहीं करते हैं और शुभ कार्य प्रारंभ नहीं करते हैं ऐसी हमारी आस्था की मूर्ति आस्था की मां वाग्देवी जो हम सब को आशीर्वाद देने के लिए इंग्लैंड के म्यूजियम से वह मूर्ति यहा अवश्य आना चाहिए जिस मंदिर से गई है उस मंदिर में स्थापित जरूर होगी ऐसा हम सबको भरोसा है । महाराजा भोज और बुद्धिमता की दृष्टि से विद्वान की दृष्टि से उस समय पूरे देश के अंदर इस प्रकार के प्रतापी राजा नहीं थे जिस प्रकार से राजा भोज ने अपना काम किया चाहे वह धार्मिक क्षेत्र में राजनीतिक क्षेत्र में आर्थिक क्षेत्र में सांस्कृतिक और कला के क्षेत्र में हो या साहित्य के क्षेत्र में हो प्रत्येक क्षेत्र में अगर काम करने का और वह भी बेहतरीन तरीके से काम करने का श्रेय जाता है एक हजार साल पहले दुनिया ने भी उसकी कल्पना नहीं की थी नदी जोड़ो अभियान चलाया जा रहा देश के अंदर यह कल्पना भी राजा भोज ने तब की थी । प्रसिद्ध भोजशाला के अंदर माता सरस्वती की स्थापना को लेकर हमारा संघर्ष जारी है ।
बसंत पंचमी सरस्वती जन्मोउत्सव का हिंदू समाज को पूरे साल इंतजार रहता है। इस पर्व पर भोजशाला में पूरे दिन हिंदू समाज को पूजन अर्चन की अनुमति रहती है। उत्सव को लेकर पूर्व में ही महाराजा भोज उत्सव समिति द्वारा तैयारियां की गई थी। वहीं शहर को भी आकर्षक रूप से भगवा ध्वज व पताकाओं से सजाया गया था। सुबह से ही भक्तों का भोजशाला में आना शुरू हो चुका था जो सूर्यास्त तक जारी रहा। वहीं परंपरा अनुसार सुबह 11ः30 बजे से मां-वाग्देवी के तैल चित्र को एक बग्घ्घी में रखकर शोभा यात्रा की शुरुआत हुई जिसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार व राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी मौजूद रहे। शोभायात्रा लालबाग से शहर के मोहन टॉकीज, धान मंडी, आनंद चौपाटी सहित विभिन्ना मार्गो से होते हुए दोपहर 1ः15 बजे भोजशाला परिसर पहुचीं । शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह मंच बनाकर हिंदू समाज व विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों द्वारा स्वागत किया गया।
नगर में भोज के जयकारे गुंजायमान
शोभायात्रा में हजारों की संख्या में हिंदू समाज के लोग शामिल रहे। इस दौरान युवाओं तथा मातृशक्ति में काफी उत्साह देखा गया। केसरिया पताका को हाथों में लेकर पूरे शहर में सियाराम और राजा भोज के जयकारों से गुंजायमान रहा। वहीं जैसे ही भोजशाला के बाहर जुलूस पहुंचा इस दौरान हिंदू समाज के लोगों का उत्साह चरम पर देखा गया।
मातृ शक्ति का उत्साह चरम पर….मातृशक्ति भोजशाला परिसर में झूम उठी
वसंत पंचमी को लेकर मातृशक्ति में एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा था। सुबह से ही हजारों की संख्या में मातृशक्ति भोजशाला पहुंची और पूजन अर्चन किया गया। जुलूस में विशेष रुप से मातृशक्ति द्वारा केसरिया साड़ी का पहनावा रखा गया था। रास्ते में वह नृत्य कर मां सरस्वती के जयकारों के साथ वसंत पंचमी की खुशियां मनाती हुई दिखाई दीं।
मोतीबाग चौक परिसर में अनेक समाज संगठनो ने निःशुल्क फ़ूड स्टाल लगे
मोती बाग चौक धर्मसभा परिसर में नगर के अनेक सामाजिक संगठन अग्रवाल समाज राठौर समाज सर्व ब्राह्मण समाज श्री गणेश समिति तिरला, नेमा समाज,संस्था केसरी,यादव समाज, समग्र जैन समाज,केवल श्री परिवार,नित्यानंद ट्रस्ट, मराठा समाज,युवा मोर्चा सहित सामाजिक संस्था ने निःशुल्क फ़ूड स्टाल लगाई थी। जिसमे अनेक प्रकार के व्यंजन का दर्शन करने आए हजारों भक्तों ने प्रसादी प्राप्त की।
इस आयोजन में भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष राजेश शुक्ला, महामंत्री हेमंत दौराया,गोपाल शर्मा, विश्वास पांडे, अशोक जैन, अरविंद चौधरी, कृष्णा नागर सहित सुमित चौधरी,अभिषेक चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
मां वाग्देवी भोजशाला धार में सरस्वती जन्मोत्सव धर्मसभा में विशेष रूप से कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ,भाजपा प्रदेश मंत्री जयदीप पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री दिलीप पटोंदिया पूर्व मंत्री रंजना बघेल , विश्वास पांडे,सहित अनेक धर्मप्रेमी जनता शामिल थे।
अतिथियों का स्वागत अशोक जैन आदि ने किया। संचालन शिरीष दुबे ने किया। आभार अध्यक्ष राजेश शुक्ला ने माना।