ग्वालियर में नगर निगम के गांधी प्राणी उद्यान में इस बार विदेशी जानवर शामिल होने जा रहे हैं। लव बर्ड, मकाउ और चिंपैंजी को जल्द प्राणी उद्यान में आने वाले सैलानियों को रिझाने के लिए लाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते यह जानवर नहीं आ पाए थे।

लव बर्ड।
                                                               लव बर्ड।

कोरोना संक्रमण के चलते नहीं आ पाए थे यह मेहमान

कोरोना संक्रमण के चलते देश और विदेश में लॉकडाउन लग गया था, जिसके कारण यह विदेशी मेहमान नहीं आ पाए थे, पर अब कोरोना संक्रमण के मरीज कम हो गए हैं। लॉकडाउन भी हट गए हैं और बाहर से आने वाली फ्लाइट भी आने जाने लगी है। जल्द ही यह सभी मेहमान ग्वालियर पहुंचेंगे और सैलानियों को जल्द देखने को मिलेंगे।

मकाउ।
                                                                            मकाउ।

बड़े स्नेही होते हैं लव बर्ड

लव बर्ड्स छोटे झुंडों में रहते हैं और फल, सब्जियां, घास और बीज खाते हैं। काले पंख वाले लवबर्ड कीड़े और अंजीर भी खाते हैं। काले कॉलर वाले लवबर्ड्स को देशी अंजीर के लिए एक विशेष आहार की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें कैद में रखना मुश्किल हो जाता है। यह स्नेही होते हैं।

जंगली फल खाता है मकाउ

अगर विदेशी मकाऊ की बात करें तो बहुत ही चंचल और शरारती होता है। अगर कोई व्यक्ति उससे किसी तरह की बात करता है तो वह वैसा ही जवाब उसे पलट कर दे देता है। मकाउ आमतौर पर जंगली फल ही खाना पसंद करते हैं।

इंसानों की तरह दिखता है चिंपैंजी

अगर विदेशी और इंडियन चिंपैंजी की बात करें तो यह बिल्कुल इंसानों की तरह देखते हैं चिंपैंजी की मेमोरी भी बहुत तेज होती है। चिंपैंजी बहुत ही नटखट होता है जैसा लोग करते हैं वह वैसा ही करता है लोग कहते हैं कि चिंपैंजी या बंदर हमारे पूर्वज हैं। कई लोग इस बात से सहमत हैं और कई लोग असहमत हैं। ये एक अलग विषय है।

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By jansetu