धार। शनिवार रात्रि को भोज महोत्सव के तीसरे दिन भोज उत्सव समिति द्वारा परंपरा अनुसार अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया उक्त कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों ने अपनी हास्य ओर वीर रस की प्रस्तुतियों द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया l

 

कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवि गणों द्वारा मां वागदेवी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता समिति के संरक्षक अशोक जैन व समिती के अध्यक्ष राजेश शुक्ला द्वारा की गई। समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा आमंत्रित कवि गणों का स्वागत पुष्प मालाओं द्धारा किया गया। तथा सभी कविगणों को महामंत्री हेमंत दोराया सहित समिति सदस्यों द्वारा मां वागदेवी का प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत मांडव के प्रसिद्ध गीतकार पंकज प्रसून द्वारा मां वागदेवी की वंदना द्वारा किया गया । महिदपुर से पधारे हास्य कवि शंकर सिसोदिया द्वारा अपनी प्रस्तुति द्वारा श्रोताओं को गुदगुदाया, इटावा के राष्ट्रीय ओजस्वी कवि राम भदावर द्वारा अपनी ओज वाणी से श्रोताओं में राष्ट्र के प्रति जोश भरने का कार्य किया । रतलाम के वीर रस के कवि बृजराज ब्रज द्वारा ओज का संचार किया गया । कार्यक्रम के संचालक बदनावर से पधारे प्रसिद्ध हास्य कवि राकेश शर्मा अपने संचालन के बीच बीच श्रोताओं का मनो विनोद करते रहे। कोटा के प्रसिद्ध ख्यात नाम हास्य कवि सुरेंद्र यादवेंद्र द्वारा अपनी हास्य व ओज की कविताओं द्वारा श्रोताओं को देर तक मंत्रमुग्ध किया। कविगण अतुल ज्वाला, लोकेश जड़िया , पार्थ नवीन, व राहुल शर्मा, द्वारा अपनी प्रसिद्ध रचनाओं से श्रोताओं का मनमोह लिया व देर तक तालिया बटोरते रहे । कवि सम्मेलन के सूत्रधार देश विदेश के प्रसिद्ध कवि हास्य कवि व व्यंगकार संदीप शर्मा द्वारा वागदेवी व भोजशाला की मुक्ति हेतु रचित कविताओं का पाठ किया गया । कवि सम्मेलन के अंत में देवास से पधारे विश्व विख्यात वीर रस के कवि सम्मानिय देवकृष्ण व्यास द्वारा अपनी राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत अद्भुत रचनाओं द्वारा समस्त श्रोताओं में रक्त संचार किया व राष्ट्र भक्ति की भावना को प्रेरित किया कवि सम्मेलन के अंत में देव कृष्ण जी व्यास द्वारा भारत माता की आरती के साथ समापन किया गया।
कवि सम्मेलन देर रात 3 बजे तक चलता रहा जिसमे बड़ी संख्या में श्रोता गण एवम मातृशक्ति देर रात तक जमे रहे।

ग्लोबल इंडिया टीवी के लिए धार से जितेंद्र वर्मा की रिपोर्ट

By jansetu