Election 2023: छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले युवाओं को साधने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने उनके लिए बेरोजगारी भत्ते का ऐलान कर दिया है. राज्य में युवाओं को अब हर महीने 2500 का बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने वाले हैं. कांग्रेस (Congress), बीजेपी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) चुनाव के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. सभी राजनीति पार्टियों ने ग्राउंड पर अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने राज्य के युवाओं को साधने के लिए पत्ता खोल दिया है. सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के लाखों युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान कर दिया है. अब शिक्षित बेरोजगारों को हर महीने 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ‘मास्टर स्ट्रोक’ माना जा रहा है
चुनाव का रास्ता आसान कर पाएगा ये बजट?
दरअसल, 6 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पंचायत यानी ग्रामीण क्षेत्र के लिए बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा खर्च कर दिया है. इसलिए एक्सपर्ट इसे चुनावी बजट मान रहे है. क्योंकि राज्य के कोर वोटर्स में युवा, ग्रामीण किसान और मजदूर ही हैं. इनके लिए बजट में सबसे ज्यादा प्रावधान किया गया है. स्कूली शिक्षा के लिए 19 हजार 489 करोड़, पंचायत विभाग के लिए 10 हजार 329, कृषि में 10 हजार 70 और स्वास्थ्य के लिए 5 हजार 497 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यानी राज्य की 80 प्रतिशत आबादी को साधने के लिए बजट में खास ध्यान दिया गया है.
12वीं पास को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता
इसके अलावा राज्य सरकार ने युवाओं पर फोकस करते हुए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने बजट में प्रावधान किया है कि शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की नई योजना शुरू की जाएगी. रोजगार और पंजीयन केन्द्र में पंजीकृत कक्षा 12वीं पास 18 से 35 वर्ष के युवा, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार से कम होगी. उन्हें अधिकतम 2 साल तक 2500 रुपये हर महीने बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसके लिए बजट में 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
राज्य की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित
शिक्षाविद मुरली मनोहर देवांगन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पांचवे कार्यकाल को लेकर कहा कि पांचवे वर्ष में जो बजट आता है वो चुनाव को ध्यान में रख कर ही आता है. ये स्वाभाविक है कि बजट लोकलुभवान वादे के साथ आया है. उन्होंने ये भी कहा कि ये बजट बढ़ा हुआ दिख रहा है. इस बार बजट में कुछ नई चीज देखने को मिली हैं. किसी भी देश और राज्य की नीव शिक्षा और स्वास्थ्य पर टिकी होती है. इस बजट से सर्वांगीण विकास की बात कही जा रही है. बजट में सरकार ने किसानों और ग्रामीणों पर ज्यादा फोकस किया है. उन्होंने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है. यहां आज भी 64 प्रतिशत युवा कृषि पर आधारित है.
शिक्षाविद ने कहा बच्चों की मांग केवल रोजगार
इस बजट में 101 नए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का प्रावधान है. ये अच्छी बात है. लेकिन मुरली मनोहर ने बेरोजगारी भत्ता देने पर आलोचना करते हुए कहा कि युवाओं पर सरकार की स्पष्ट मंशा नहीं दिख रहा है. रोजगार के बदले भत्ता देना सरकार की दीर्घकालीन व्यवस्थाओं को नहीं दर्शाता है. वो कहते हैं कि बेरोजगारी भत्ता अपको थोड़ा मोटिवेट कर सकता है, लेकिन 2500 रुपये में घर कैसे चलेगा? क्या कोई भी बच्चा 2500 रुपये में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर पाएगा? नहीं कर पाएगा. क्योंकि माता पिता को आस होती है कि बच्चे पढ़ाई करने पर इतने पैसे कमाए की उनके घर की रोजी रोटी चल सके. 2500 रुपये का बेरोजगारी भत्ता तत्कालीन व्यवस्था के लिए ठीक हो सकता है. लेकिन दीर्घकालीन व्यवस्था के लिए ये घातक है.
छत्तीसगढ़ में 1 करोड़ से अधिक युवा
मुरली मनोहर देवांगन ने आगे कहा कि सितंबर 2022 से अबतक कोई वेकेंसी नहीं आई है. इतना ही नहीं जो परीक्षा हुई है उनका भी रिजल्ट नहीं आया है. राज्य में युवाओं की संख्या की बात करें तो 10 से 19 साल के युवाओं की संख्या 54 लाख है. वहीं 19 से 25 वर्ष के लोगों की बात की जाए तो उसमें भी 45 लाख के आस पास लोग हैं. इन दोनं को जोड़ दिया जाए तो एक करोड़ आबादी है. 1 करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती. इसलिए सरकारी के साथ प्राइवेट नौकरियों में भी नौकरी सुरक्षा और भविष्य नीधि की सुविधाओं को शामिल किया जाना चाहिए.