Kedarnath Dham Yatra 2023: भगवान केदारनाथ के कपाट खुलते ही यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल श्रद्धालुओं के मामले में बीते साल का भी रिकॉर्ड टूट जाएगा.
Kedarnath Yatra: उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) प्रशासन केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) की तैयारियों में जुट गया है. यात्रा को लेकर इस बार पुलिस की ओर से नए प्लान तैयार किए गए हैं. पुलिस प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा, गाड़ियों की पार्किंग, भाषा संबंधी समस्या और पार्किंग समेत विभिन्न बिंदुओं पर काम कर रहा है. पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे ने गुरुवार को तैयारियों को लेकर पत्रकारों से बातचीत की और उनसे सुझाव भी मांगे.
विशाखा भदाणे ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस बार पुलिस प्रशासन की ओर से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय भाषा की बड़ी समस्या आती है. बाहरी राज्यों से आए यात्री ये भाषा नहीं समझ पाते. उन्हें यहां तक हिंदी भाषा का भी ज्ञान नहीं होता है. ऐसे में पुलिस प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए ऐसे जवानों की तैनाती की जाएगी, जो विभिन्न राज्यों की भाषाओं का ज्ञान रख सकें.
जाम से बचाने की है यह प्लानिंग
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक जिन लोगों की राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे जमीन हैं, उनकी जमीन पर पार्किंग बनाकर यात्रियों को सुविधाएं दी जाएंगी. साथ ही स्थानीय लोगों को इससे रोजगार मिल सकेगा. पिछल वर्ष की तरह इस बार जिला पंचायत सड़क किनारे वाहनों से कोई शुल्क नहीं लेगा, बल्कि पुलिस प्रशासन सड़क किनारे किसी भी वाहन को खड़ा नहीं होने देगा. यात्रियों के वाहन सड़क किनारे लगाने की जगह पार्किंग स्थलों में लगवाए जाएंगे.
ऐसे लोगों का बनाया जाएगा आईडी कार्ड
एसपी भदाणे ने कहा कि इस बार घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी के अलावा अन्य मजदूरों का पंजीकरण किया जाएगा और इनके आईडी प्रूफ बनाए जाएंगे, जिससे कोई भी घटना घटने पर इनकी पहचान हो सके. उन्होंने कहा कि पिछली यात्राओं में देखने को मिला है कि मजदूर घटना घटने के बाद कहीं भाग जाते हैं और उन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में मजदूरों पर कड़ी नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से जवानों को तैनात किया जाएगा. एसपी ने कहा कि रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई ऐसे डेंजर जोन के अलावा खतरे के निशान हैं, जहां की रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दी गई है. राजमार्ग पर पैराफिट, क्राश बैरियर के अलावा सुरक्षा दीवार लगाने की जरूरत है.