Cricket Tales: भारत के इस दिग्गज खिलाड़ी ने अपना टेस्ट डेब्यू जनवरी 1962 में किया, जबकि इस खिलाड़ी ने अपना दूसरा टेस्ट मार्च 1962 में खेला, लेकिन इसके बाद तकरीबन 5 साल तक क्रिकेट मैदान से गायब रहा.

Erapalli Prasanna Story: भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक क्रिकेटर ऐसा भी है जो इंजीनियरिंग की डिग्री के कारण टीम इंडिया में सिलेक्शन के बावजूद 5 साल तक क्रिकेट नहीं खेला. दरअसल, इस खिलाड़ी को साल 1962 के वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में चुना गया, लेकिन इसके बाद क्रिकेटर के पिता नाराज हो गए. जी हां… हम बात कर रहे हैं भारत के दिग्गज स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना की. जब इरापल्ली प्रसन्ना के पिता को पता चला कि बेटे का चयन वेस्टइंडीज दौरे के लिए हो गया है तो इस बात से वह नाखुश हो गए, क्योंकि पिता को डर था कि अगर क्रिकेट खेलने जाएगा तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई छूटेगी.

चयन के बावजूद इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए 5 साल तक नहीं खेले क्रिकेट

भारत के दिग्गज स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने अपना टेस्ट डेब्यू जनवरी 1962 में किया, जबकि इस खिलाड़ी ने अपना दूसरा टेस्ट मार्च 1962 में खेला, लेकिन इसके बाद तकरीबन 5 साल तक क्रिकेट मैदान से गायब रहा. यह दिग्गज गेंदबाज इसके बाद फिर जनवरी 1967 में मैदान पर नजर आया. दरअसल, वह तकरीबन 5 साल तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते रहे. उस समय BCCI सेक्रेटरी एम. चिन्नास्वामी थे, वह बेंगलुरु के क्रिकेटरों को आगे बढ़ते देखना चाहते थे. जिसके बाद उन्होंने मैसूर के महाराज की मदद से प्रसन्ना के पिता को मना लिया, फिर प्रसन्ना को वेस्टइंडीज जाने दिया गया.

पिता ने इरापल्ली प्रसन्ना के सामने रखी ये शर्त?

हालांकि, इरापल्ली प्रसन्ना के पिता ने शर्त रखी कि जब वह वेस्टइंडीज से लौटेगा तो इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करनी होगी. इरापल्ली प्रसन्ना शर्त मानने के बाद भारतीय टीम के साथ वेस्टइंडीज चले गए. इस दौरे पर उन्होंने 1 टेस्ट मैच में 3 विकेट झटके, लेकिन जब वह भारत लौटे तो पिता का देहांत हो गया था. बहरहाल, उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक लेकर इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की. इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी होने के बाद आईटीआई में 300 रुपये महीने की नौकरी लग गई, लेकिन इसके बाद उन्होंने क्रिकेट मैदान पर वापसी की. इरापल्ली प्रसन्ना ने भारत के लिए 49 टेस्ट मैच खेले, इस खिलाड़ी ने 49 टेस्ट मैच में 189 विकेट झटके.

By jansetu