असद अहमद 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने पहुंचा था. सीसीटीवी में वो खुले चेहरे में हाथ में लोडेड हथियार लिए हुए दिख रहा है.
6 महीने पहले जुर्म की दुनिया में कदम रखने वाले असद पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं था. लेकिन 24 फरवरी को प्रयागराज की सड़क पर उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या के बाद असद अहमद अब यूपी का मॉस्ट वांटेड क्रिमिनल बन गया है. पुलिस को शक है कि असद आधा दर्जन शूटरों की अगुवाई कर रहा था.
असद अहमद उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक अहमद का बेटा है और वो गिरफ्तारी के डर से फरार है. जानकारी के मुताबिक असद नेपाल सकता है. हो सकता है कि बहराइच के रास्ते नेपाल में घुसा है. असद पर ढाई लाख का ईनाम घोषित किया गया है.
उमेश पाल और उसके दो गनर की हत्या के बाद असद अहमद की पूरे सूबे की पुलिस को तलाश है. यूपी STF की 11 लोगों की एक टीम सुबह 5:30 बजे नेपाल रवाना हो गई.
अपराध की दुनिया के बमबाज के साथ रह रहा है असद
यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल असद पर कल यानी रविवार को ईनाम की राशि बढ़ा दी गई है. पहले असद अहमद की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस ने 50 हजार का ईनाम रखा था. असद और गुड्डू मुस्लिम के फोन की लोकेशन एक साथ मिली है.
गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद का करीबी बताया जाता है. उस पर आरोप है कि अतीक के ही कहने पर ही उमेश पाल पर गोलियां चलाई थी. हमले के दौरान बमबाज शूटर गुड्डू मुस्लिम सफेद शर्ट पहने था.
अपराध की दुनिया में गुड्डू मुस्लिम को ‘बमबाज’ के नाम से भी जाना जाता है. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के बेटे असद के अलावा अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर पर डीजीपी से ढाई-ढाई लाख का ईनाम रखा है.
असद से पहले उसके पिता और चाचा खालिद, और भाई उमर और दूसरे नंबर के भाई अली अहमद पर ईनाम घोषित किए जा चुके हैं. उमेश पाल हत्याकांड से पहले तक इनमें सबसे बड़ा ईनामी असद का चाचा और माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ था.
इन आरोपियों पर है ढाई-ढाई लाख का ईनाम
1. अरमान पुत्र शमीम
2. असद पुत्र अतीक अहमद
3. गुलाम पुत्र मकसूदन
4. गुड्डू मुस्लिम पुत्र शफीक
5. साबिर पुत्र नसीम
सीसीटीवी फुटेज में क्या मिला
असद अहमद 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने पहुंचा था. सीसीटीवी में वो खुले चेहरे में हाथ में लोडेड हथियार लिए हुए दिख रहा है. घटनास्थल पर उसकी चाल-ढाल से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मर्डर की कमान उसी ने संभाल रखी है.
कहानी यूपी के मोस्टवांटेड डॉन असद अहमद की
अतीक के सबसे छोटा बेटा असद अहमद लखनऊ से ऑपरेट करता था. असद ने लखनऊ के टॉप स्कूल से इसी साल 12वीं कक्षा पास की थी. वो पढ़ाई लिखाई में काफी तेज था. आगे की कानून की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था लेकिन परिवार के आपराधिक इतिहास की वजह से उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हुआ था.
उमेश पाल केस में असद का गोलीबारी का सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद अब वह पुलिस की रडार पर है. असद का पिता अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं जबकि उनके चाचा अशरफ उत्तर प्रदेश की बरेली जेल में बंद हैं.
पिता और चाचा की गैरमौजूदगी में अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली पिछले कुछ सालों से गिरोह चला रहे थे, उस समय असद पढ़ाई कर रहा था. पुलिस को शक है कि असद ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाने के लिए जेल से अतीक और अशरफ से सलाह ली थी.
बड़े भाइयों के जेल जाने के बाद असद ने संभाला गैंग
साल 2018 में अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर सुर्खियों में आया था. उस समय उमर ने लखनऊ में एक प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण किया था. मोहित जायसवाल का अपहरण करके उमर उसे देवरिया जेल ले गया था, उस समय अतीक अहमद इसी जेल में बंद था. अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली के खिलाफ भी हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं.
जांच एजेंसियों ने दोनों भाइयों पर ईनाम घोषित किया था. दोनों भाइयों ने जुलाई में पकड़े जाने और एंकाउटर के डर से आत्मसमर्पण कर दिया था. यूपी पुलिस को संदेह है कि दोनों भाइयों के सरेंडर करने के बाद असद ने गिरोह की बागडोर संभाली.
पुलिस क्यों कर रही है असद पर शक
असद लखनऊ के जिस फ्लैट से गिरोह का संचालन कर रहा था उसी फ्लैट में पिछले दिनों एसटीएफ लखनऊ और प्रयागराज पुलिस की टीम ने छापा मारा था . पुलिस को ये जानकारी मिली थी कि असद ने गैंग की कमान संभाल ली है. यह गिरोह रंगदारी मांगने के साथ तमाम धंधे चला रहा था. पुलिस के छापे में उसी फ्लैट से 80 लाख रुपये का चेक मिला. यह एक बियरर चेक है. पुलिस को इस बात का शक है कि यह चेक रंगदारी मांगने के किसी मामले से संबधित तो नहीं है. सीसीटीवी फुटेज में भी असद 24 फरवरी को दिन के उजाले में बेखौफ होकर पिस्टल लिए हुए दिख रहा है, पुलिस का शक इससे और गहरा हुआ है.
महंगी घड़ियों और फोन का शौकीन है यूपी का मॉस्ट वांटेड क्रिमिनल
उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य शूटर असद अहमद मंहगी गाड़ियों और फोन का शौकीन है. वो विदेशी घड़ियां पहनता है और मंहगे फोन इस्तेमाल करता है. अभी असद के पास एप्पल आईफोन है. कुछ रिपोर्ट ये भी दावा करती हैं कि छापे के दौरान असद के पास से एक एप्पल आईफोन मिला. असद ने फोन ट्रैक होने के डर से अपना फोन लखनऊ वाले फ्लैट में ही छोड़ दिया. वहीं असद के पास स्विट्जरलैंड की ब्राडेंड सेंट्रिक्स घड़ी है. इस घड़ी की कीमत एक लाख से ज्यादा है.
चाचा अशरफ से ट्रेनिंग लेता था असद
उमेश मर्डर के बाद चर्चा में आया असद चाचा अशरफ का सबसे चहेता भतीजा है. चाचा अशरफ ने ही उसे गोली चलाना, कार रेसिंग और घुड़सवारी में महारत दिलवाई थी. सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि क्रेटा कार से एक युवा सदरी पहने हुए तेजी से निकलता है और धड़ाधड़ गोली चलाना शुरू कर देता है. गोली चलाता हुआ शख्स असद ही है.
उमेश हत्याकांड में कुल 11 नाम, दो का एंकाउटर
24 फरवरी को हुए उमेश हत्याकांड केस में कुल 11 आरोपियों का नाम अब तक सामने आ चुके हैं. जिनमें अतीक अहमद , अतीक का बेटा असद, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन. भाई अशरफ, गुलाम, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, कार ड्राइवर अरबाज, शूटर अरमान, शूटर साबिर, सदाकत, उस्मान उर्फ विजय चौधरी शामिल हैं. अतीक अहमद इस समय साबरमती जेल में बंद है, उसका भाई अशरफ भी जेल की सलाखों के पीछे है.
पुलिस एनकाउंटर में अरबाज मारा जा चुका है. अरबाज के पिता अतीक अहमद की कार चलाते थे. वहीं एक दूसरे एनकाउंटर में विजय चौधरी उर्फ उस्मान को गर्दन, सीने और जांघ में गोलियां लगीं, और मारा गया.
अब किस्सा यूपी के मॉस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल के पिता का जो जेल में बंद है
अतीक अहमद इस समय उमेश पाल हत्याकांड को लेकर चर्चा में है. ऐसा पहली बार नहीं है जब जेल में रहते हुए अतीक अहमद पर गंभीर आरोप लगा है. इससे पहले भी जेल में रहते हुए अतीक अहमद का नाम अपहरण, हत्या, रंगदारी जैसी वारदातों से जुड़ चुका है. सबसे चर्चित मामला लखनऊ के एक कारोबारी का अपहरण कर यूपी की देवरिया जेल में पिटाई का है.
अतीक अहमद पर अब तक करीब 100 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. साल 2018 में अतीक अहमद यूपी की देवरिया जेल में बंद था तब मोहित जयसवाल नाम के एक कारोबारी को किडनैप करके जेल में उससे मिलवाने लाया गया था. जेल में ही उस कारोबारी के साथ मारपीट की गई थी और 45 करोड़ रुपये की संपत्ति के कागज पर साइन कराए गए थे. जेल में अतीक के बेटे उमर और गुर्गों ने उसकी पिटाई की थी. इसके बाद अतीक के जेल से गैंग चलाने की बात और योगी सरकार की सख्ती बेअसर की खूब चर्चा हुई थी.
गुजरात की जेल में बंद अतीक अहमद पर प्रयागराज की सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज़ के कर्मचारियों पर हमला कराने का आरोप है. साल 1989 में अपने राजनीतिक करियर की सफर की शुरुआत करने वाले अतीक अहमद ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए थे. और प्रयागराज पश्चिम से विधायक बना.
अगले दो विधानसभा चुनावों अतीक सपा में शामिल हो गया और 1996 में लगातार चौथी बार जीत हासिल की. तीन साल बाद अतीक ने अपना दल पार्टी ज्वाइन कर ली. फिर 2004 में अतीक ने सपा ज्वाइन किया और फूलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने. फूलपूर एक ऐसी सीट थी जो कभी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास थी. साल 2005 में अतीक और उसके भाई के ऊपर 2005 में राजू पाल की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हो गयी.
अतीक अहमद ने 2008 में आत्मसमर्पण कर दिया और 2012 में रिहा हुए. रिहाई के बाद अतीक सपा के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. अतीक अहमद के 2019 लोकसभा में दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनके खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं.