नशा व्यक्ति, समाज और प्रदेश देश ही नहीं संपूर्ण मानवता के लिए खतरा है। आतंकवाद व सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु से ज्यादा लोग नशीले पदार्थों के उपयोग से मर रहे है। जो बेहद चिंतनीय है। नशे के खिलाफ विश्व समुदाय को एकजुट होना होगा। फल अनाज सूखे मेवे सस्ते है जबकि नशीले पदार्थ बेहद महंगे। फिर भी आम आदमी मंहगाई का रोना रोता है व नशे का उपयोग करता है। डोपामीन हार्मोन हमारे जीवन आंनद के लिए आवश्यक है जिसका एक महत्वपूर्ण स्त्रोत पैरों का संचालन है, नशा नहीं। वक्ताओं ने कहा की बढ़ती कैंसर, शुगर, ब्लडप्रेशर, मानसिक बीमारियों के साथ ही बांझपन, नपुंसकता, आत्महत्या जैसे कारकों के ये नशा जिम्मेदार है। युवा स्वयम तो दूर रहे अपने परिजनों व परिचितों को भी दूर रखें। ये उदगार महाराजा भोज शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान में जिला तम्बाकू नियंत्रण अधिकारी डॉ संजय भंडारी, भोज शोध संस्थान के निदेशक डॉ दीपेंद्र शर्मा, शिक्षाविद व कवि हरिहरदत्त शुक्ला ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ असगर अली ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा छात्र छात्रा उपस्थित थे। संचालन विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ अरुणा मोटवानी ने किया। आभार महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ एन एस चौहान ने माना। इस अवसर पर बच्चों को नशे के उपयोग व दुष्परिणाम से जुड़ी फ़िल्में भी दिखाई। इस आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश नागर, पराग भोंसले, विभाग से अवनीश दुबे, सुरेश प्रजापति, भगतसिंग, मंडलोई आदि उपस्थित थे। हम होंगे कामयाब प्रेरक गीत व सरस्वती वंदना का गायन स्नेहा धाकड़, जया, मुक्ता ने किया। आयोजन के शेष भाग में दिनांक 15 नवम्बर को पत्र लेखन, 16 को चित्रकला, 17 को वादविवाद व 18 को रंगोली प्रतियोगिता होगी।
ये सारी प्रतियोगिताएं कक्ष 31 में दोपहर 12 बजे से होगी। 18 नवम्बर को समापन अवसर पर सभी विजेताओं को प्रमाण पत्र व आकर्षक पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। यह जानकारी सामाजिक न्याय विभाग के उपसंचासलक कार्यालय से दी गई।

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By jansetu