बढ़ती महंगाई के बीच घर के किचन का बजट अब बिगड़ने वाला हैं, क्योंकि धार में दुग्ध उत्पादक संघ अब डेयरियों पर दूध देने की राशि को बढ़ाने जा रहा है। मंगलवार को धार के लालबाग उघान में हुई बैठक में दूध के भाव बढ़ाने को लेकर उत्पादकों के बीच में चर्चा हुई, करीब एक घंटे चली इस बैठक में करीब 4 रुपए बढ़ाने पर निर्णय हुआ है।
इस दौरान कुछ दूध उत्पादक बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिन्होंने फोन पर भी भाव बढ़ाने को लेकर सहमति दी है। बैठक में हुई बातचीत के बाद आगामी 11 सितंबर से दुग्ध उत्पादक संघ से जुडे सभी किसान 48 के बजाय 52 रुपए में अपना दूध देंगे, ऐसे में डेयरी संचालक भी जल्द ही अपनी बैठक करके दुकानों से मिलने वाले दूध का भाव भी बढा देंगे। वहीं मोहल्लों व कॉलोनियों में दूध की बंदी बांटने वाले भी दूध का भाव बढ़ा रहे हैं।
दरअसल गत माह सांची ने अपने दूध का भाव बढ़ा दिया था, जिसके करीब एक माह बाद अब धार में भी दुग्ध उत्पादक संघ के द्वारा हुई बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके पूर्व अप्रैल माह में भी दूध के भाव बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी, तब दुग्ध उत्पादक संघ के निर्णय के बाद डेयरी संचालकों ने एक संयुक्त बैठक आयोजित की तब जाकर भाव 48 पर पहुंचा था। इस मर्तबा डेयरी संचालकों का निर्णय होना बाकी हैं, ऐसे में भाव बढ़ने पर 10 सितंबर के बाद भाव बढाएं जाएंगे।
उत्पादक संघ के अध्यक्ष प्रताप सिंह ठाकुर ने बताया कि महंगाई के कारण अब किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैं, अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही। भूसे से लेकर खली तक के भाव बढ गए हैं, पहले कम रेट में मजदूर भी मिल जाते थे, हमने बैठक में चार रुपए बढ़ाने का निर्णय लेकर साथियों को अवगत करवा दिया है। सभी अब 11 से बढ़ाकर ही अपना दूध देंगे, जो लोग भाव बढा हुआ दूध नहीं लेंगे। उनके यहां पर दूध देना बंद कर दिया जाएगा।
20 हजार लीटर दूध आता है
धार शहर में आसपास के सैकड़ों गांवों से 400 के करीब किसान अपना दूध लेकर आते हैं, दुग्ध उत्पादक संघ से जुडे सभी सदस्य करीब 20 हजार लीटर दूध धार लेकर आते है। हालांकि दूध का उत्पादन लगातार अब घटता ही जा रहा हैं, जिसके पीछे कारण दूध को भाव कम बढना व खर्च अधिक होना है। समिति से जुड़े महेश पाटीदार ने बताया कि पहले भूसा प्रति क्विंटल 800 रुपए के करीब था, जो अब बढकर 1100 रुपए तक पहुंच गया है।
वहीं खली की पैकिंग 60 किलो की पहले 1400 रुपए में मिल जाया कतरी थी, अब 2300 रुपए की मिल रही है। साथ ही पहले मध्यप्रदेश में ही भैंसो की उपलब्धता हो जाती थी, तब 50 हजार रुपए में भैंस किसानों को मिलती थी, अब अच्छा दूध देने वाले जानवर करीब 1 लाख रुपए कीमत के राजस्थान व गुजरात से लेकर आना पड़ रहे हैं। जिसके कारण किसानों को कुछ भी नहीं बच रहा है।
सांची ले रहा गांवों से दूध
पिछले माह सांची ने दूध के भाव बढ़ाए थे, सांची संघ गांवों से 8.20 के फैट से दूध लेता है। इसके हिसाब से किसान को करीब 49 रुपए 25 पैसे प्रति लीटर का भुगतान किया जाता है। कम फैट का दूध का भाव भी कम होता है।
दूध डेयरी संचालक से जुड़े कृष्णकांत सोमानी ने चर्चा में बताया कि इंदौर में भी 4 रुपए बढने से 58 रुपए प्रति लीटर दूध हो गया हैं, वर्तमान में धार में 55 रुपए लीटर दूध विक्रय हो रहा है। ग्राहक को अच्छी क्वालिटी का दूध मिलता हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है। हम भी हमारी बैठक के बाद बढ़ाने को लेकर विचार करेंगे।