रायसेन।भारत देश की आजादी के 73 बरस गुजर जाने के बावजूद लोहा पीटा समुदाय समाज, विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ सके हैं।लोहा पीटा समाज के लोग आज भी खुद और परिवार के लिए उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
जिले की तहसील उदयपुरा में आगामी नपा चुनाव में हर पार्टी वोटरों को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास करती है। ऐसे में हमारे बीच एक समाज आता है जिसे लोहा पीटा समाज कहते हैं। नगर उदयपुरा में इस समाज के वोटरों की संख्या लगभग 200 के पार हो चुकी है।जब हमने उनसे इस बार के निकाय चुनाव को लेकर चर्चा की।तो वे काफी नाखुश नजर आए। उन्होंने साफ तौर पर यह बात कही, कि हमें अभी तक शासन की कोई भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। जबकि हम पिछले 30 वर्षों से इस नगर में निवास कर रहे हैं। कमोवेश यही हालात देवनगर, रायसेन, गढ़ी ,रतनपुर तिगड्डे की लोहा पीटा समाज के गरीब परिवारों की है।उनके बीपीएल राशन कार्ड तक नहीं बन सके हैं।जबकि वे मंत्री, सांसद की गाड़ी के काफिले का घेराव कर अपना दुखड़ा उन्हें सुना चुके हैं।वर्ष 2019 के बाद कोरोना महामारी संकट काल के चलते उनके रोजी वरोजगार पर भी खासा असर पड़ा है। जिससे उनके परिवार को भुखमरी और कई ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो इंसान की मूलभूत सुविधाओं में आती हैं। इस समाज के लोगों ने बताया कि कोरोना के दौरान किसी भी नेता ने हमारी किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की ।जबकि संकट के वक्त नगर उदयपुरा की सामाजिक संस्थाओ ने हमारी मदद की थी।
नजब हमने इनके डेरो पर जाकर देखा,तो सभी घर मिट्टी के बने हुए थे।
तो प्रश्न उठता है कि पीएम आवास योजना का लाभ आखिर किसे मिला?
महिलाएं ,बेटियां पिछले 30 वर्षों से घर से बाहर खुले मैदान में शौच करने जा रही हैं।
प्रश्न उठता है कि आखिर शौचालय का लाभ किसे मिला और यह स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का नारा किस काम का?
मुश्किलों से गुजरती हैं बारिश की रातें….
बारिश के चलते उन्हें अपनी रातें उन्हीं टूटे-फूटे मकानों में गुजारनी पड़ रही हैं। रोजगार ना होने के कारण उनका गुजारा भी बड़ी मुश्किल से ही चल पा रहा है। शायद इन लोगों की पन्नी की छतों से टपकता हुआ पानी नेता को नहीं दिखता। दिखता है भी तो केवल 5 साल में सिर्फ कोरे आश्वासन के साथ एक बार वोट कबाड़ने का लालच।