प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर के तिलक मार्ग पर राम मंदिर के पास निर्मित कॉम्पलेक्स के आधे से ज्यादा हिस्से को जमीदोज कर दिया। प्रशासन का कहना है कि कॉम्पलेक्स का निर्माण शासकीय आम रास्ते पर हुआ है। इधर कॉम्पलेक्स के मालिक अक्षय सराफ ने गम्भीर आरोप लगाते हुए पूरी कार्रवाई को अनुचित ठहराया है। नगर के व्यस्ततम तिलक मार्ग पर अचानक प्रशासन की टीम पहुंची। साथ ही एक के बाद एक पुलिस की गाड़ियां भी पहुंची। कॉम्प्लेक्स के दोनों तरफ का रास्ता बंद कर प्रशासन ने पोकलेन के माध्यम से अतिक्रमण को तोड़ने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी। लगभग डेढ़ से दो घंटे चली कार्रवई के बाद प्रशासन ने निवनिर्मित कॉम्पलेक्स का आधे से अधिक हिस्सा तोड़ दिया। कार्रवाई के लिए सरदारपुर एसडीएम बीएस कलेश सहित राजगढ़, सरदारपुर, अमझेरा, राजोद थाने का पुलिस बल तैनात रहा। नगर में हुई इस कार्रवाई को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई।
सराफ परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
कार्रवाई के बाद कॉम्पलेक्स के मालिक सराफ परिवार ने इस पूरी कार्रवाई को अनुचित बताते हुए एसडीएम पर संगीन आरोप लगाए। प्रेसवार्ता में अक्षय सराफ ने कहा कि नगर परिषद ने एक नोटिस दिया था। जिमसें उन्होंने कहा था कि आपका मकान पुराना होकर जीर्णशीर्ण हो गया। जिससे किसी को जनहानि हो सकती है। जिसके बाद हमने उक्त भवन को गिराकर नए भवन निर्माण की नगर परिषद से अनुमति प्राप्त की। निर्माण के बाद यह भवन पूरी तरह से चालू हो गया तब क्या पता प्रशासन को किस प्रकार की आपत्ति आई। मुझे वाट्सअप पर नोटिस भेजे गए और मौखिक रूप से जाकर मिलने की बात कही। जब में दस्तावेज लेकर पहुंचा तो दस्तावेज देखे बिना कहा गया कि आप बैठकर बात कर लें। जब हमने उनकी मांग नही मानी तो 18 दिसंबर शाम 6 बजे हमें बेदखली का नोटिस दिया तथा आज सुबह 9 बजे कार्रवाई कर दी गई। अक्षय सराफ का कहना है कि एसडीएम कार्यालय में सीधे मुझसे एसडीएम ने पहले 20 लाख रुपए मांगे। जब मैं कार्ट में गया तो एसडीएम ने फिर बुलावा भेजा है। उन्होंने कहा कि अगर 5 लाख रुपए देते हो तो मैं कार्रवाई नही करूंगा। अक्षय सराफ ने कहा कि हमने एसडीएम की डिमांड पूरी नहीं की तो उनके द्वारा यह कार्रवाई की गई।
सारे आरोप गलत हैं
मामले में सरदारपुर एसडीएम बीएस कलेश ने कहा कि नगर पालिका की अनुमति पीछे के भूमि पर निर्माण की है। जबकि उन्होंने लगभग 8 बाय 100 पर अवैध निर्माण किया है। जो शासकीय रास्ता है। उन्होंने आरोप लगाए गए है कि वह गलत है। जल्द ही इनके खिलाफ शासकीय संपत्ति पर निर्माण करने का मामला भी दर्ज किया जाएगा।