इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में जटिल जोड़ प्रत्यारोपण जैसी महंगी सर्जरी का आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत हो रहा है निशुल्क इलाज

इंदौर। शहर के ख्यात इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर ने शुरुआत से ही अपने मरीज़ों को बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाया है। आज भी अस्पताल में दूर-दूर से मरीज अपने उपचार के लिए यहां आते हैं। हाल ही में इंदौर निवासी 67 वर्षीय श्रीमती निर्मला जी, जिनके दोनों घुटनों में सीवियर ओस्टियोआर्थराइटिस की शिकायत गत 10 वर्ष से बनी हुई थी। उन्होंने शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवाया परंतु उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। दोनों घुटनों में समय के साथ वारस डिफॉरमेटी (टेढ़ापन) हो गया था जिसके चलते 8 महीने पहले मरीज के बाएं पैर की हड्डी में स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया और टेढ़ापन ज्यादा बढ़ गया था और मरीज का चलना-फिरना भी बंद हो गया। मरीज की परेशानी को समझते हुए इंडेक्स अस्पताल के वरिष्ठ जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ अजय सिंह ठाकुर द्वारा अपनी टीम के साथ सिंगल स्टेज प्रोसीजर किया गया जो कि सफल रहा। इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन श्री सुरेश सिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन श्री मयंकराज सिंह भदौरिया और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जी एस पटेल ने मरीज के सफल ऑपरेशन पर हर्ष व्यक्त किया और उनके सुखद जीवन की कामना की।

डॉ अजय सिंह ठाकुर ने बताया कि “इस तरह के घुटने का इलाज काफी महंगा होता है और इसमें लोंग स्टेम वाले स्पेशल इन प्लांट लगता है लेकिन 67 वर्षीय यह मरीज बिल्कुल भी नहीं चल पा रही थी इसलिए मरीज का टोटल नी रिप्लेसमेंट लोंग स्टेम और करेक्टिव ओस्टियो टॉमी ऐसा सिंगल स्टेज प्रोसीजर किया गया। ख़ास बात यह है कि यह महँगा ऑपरेशन आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूर्णतया निशुल्क किया गया है। देश के बड़े मेडिकल सेंटर्स में भी देखा गया है कि इस तरह के केस बहुत ही कम मिलते हैं। यह एक रेयर केस था। लेकिन इंडेक्स अस्पताल में उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं और अनुभवी टीम के कारण मरीज को सफल ट्रीटमेंट उपलब्ध हो सका है।”

डॉ ठाकुर ने आगे बताया कि “बढ़ती उम्र के साथ घुटने की ओस्टियोआर्थराइटिस एक आम बात है और जोड़ प्रत्यारोपण इसका काफी उन्नत इलाज है और आने वाले समय में मेडिकल साइंस की उन्नति के चलते लोगों की आयु बढ़ेगी जिससे कि नी रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी एक आम बात हो जाएगी। परंतु गरीब एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आयुष्मान भारत में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी का होना एक वरदान है जिससे कि समाज के ज्यादा से ज्यादा लोग अब इस इलाज से लाभान्वित हो पा रहे हैं।”

श्रीमती निर्मला जी ने बताया कि “मेरे घुटनों की तकलीफ इतनी बढ़ गई थी कि मेरा चलना भी मुश्किल हो गया था। कई जगह इलाज करवाया लेकिन फायदा नहीं हुआ। ऑपरेशन जटिल था लेकिन अब मैं ठीक हूँ।

By jansetu