इंदौर क्राइम ब्रांच ने ATM मशीन से पैसे चोरी करने के मामले में तीन आरोपियों को पकड़ा था। उन्होंने अपनी गैंग से जुड़ी कई अहम जानकारी पुलिस को दी थी। इस मामले में दो और आरोपी चार दिन पहले पकड़े गए थे। उन्होंने ऐसे करीब 10 से ज्यादा नाम बताए। जो मध्यप्रदेश और आसपास के राज्यों में सक्रिय है। क्राइम ब्रांच अब इनकी जानकारी निकालकर नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी है। अभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर उनके खाते सील किए गए हैं।
एएसपी गुरु प्रसाद पाराशर की टीम ने 12 सिंतबर की रात हीरानगर से परदेशीपुरा के बीच में ATM में वारदात करने आए तीन आरोपी बजरंग उर्फ सावन पिता राजप्रताप सिंह सोमवंशी निवासी ग्राम रेड़ी प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश, मेहताब हसन पिता मेहफूज हसन निवासी ग्राम महुआर पोस्ट कादिपुर और मनीष कुमार पिता स्व. घनश्यामे प्रसाद चौबे को पकड़ा। जिन्हें परदेशीपुरा पुलिस के सुपुर्द किया गया था। इस गैंग का सरगना बजरंग था। जो बीए की पढ़ाई करने के बाद होटल मैनेजमेंट की नौकरी कर इस काम में उतर आया था। उसने अपने दो साथी जितेन्द्र उर्फ धीरू निवासी जेठवारा प्रतापगढ़ और दीपक उर्फ फतेह सिंह निवासी मंधाता प्रतापगढ़ की जानकारी दी थी। क्राइम ब्रांच ने उन्हें भी पकड़ लिया।
10 खाते सील, 10 ATM कार्ड जब्त
धीरू और दीपक ने पूछताछ में दस खाते होने की जानकारी दी थी। जिनसे वह पैसे का ट्रांजेक्शन करते थे। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने उतरप्रदेश पुलिस से संपर्क करने के बाद खाते सील करवा दिए। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 10 एटीएम कार्ड की भी जब्ती की है। अभी मामले में ओर आरोपियो की गिरफ्तारी की जा सकती है।
ट्रेनिंग देने की बात कबूली
धीरू और दीपक प्रतापगढ़ में खुद की गैंग चलाते हैं। यह पुलिस से बचने के लिए नेपाल और महाराष्ट्र के इलाकों में अपना ठिकाना बनाते थे। दोनों ने ऐसे 12 नाम और बताए हैं। जिन्हें दोनों ने अपने साथ ट्रेनिंग दी है और जो अब खुद का गिरोह चला रहे हैं। क्राइम ब्रांच अब सभी की पहचान कर उनकी तलाश में जुट गई है। एएसपी के मुताबिक एक से दो दिनो में और आरोपी गिरफ्त में होंगे।